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कात्यायनीति मां के बारे में सम्पूर्ण महत्वपूर्ण जनकारी विस्तार से।

नमस्कार दोस्तो स्वागत है, आप सभी का मेरे इस ब्लॉग में जहा पर आप इस ब्लॉग में कात्यायनीति मां के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हो। कात्यायनीति मां कोन है, उनका क्या रहस्य है, उनकी पूजा करने की विधि क्या है, उने कैसे हम प्रसन्य करे पूरी जानकारी के साथ बने रहिए इस ब्लॉग में सुरु से लास्ट तक धन्यवाद।

आज मैं आपको माता कात्यायनी के बारे में बताऊंगी जिन की आराधना करने से विवाह संबंधी बाधाएं दूर हो जाती हैं और मजा पर मिल जाता है तो बहुत से ऐसे लोग होते हैं जिनका विवाह समय पर नहीं होता और उस समय पर विवाह ना हो पाने के कारण इसके पीछे बहुत से कारण हो सकते हैं।
जैसे कुंडली में दोष या ग्रहों की कमजोर स्थिति का होना या फिर नक्षत्र दोष का होना तो दोस्तों मान्यता है कि अविवाहित लड़कियां अगर माता कात्यायनी देवी की पूजा करती हैं तो उनके विवाह का जो जल्दी बनता है।
@माता कात्यायनी अमोघ फलदाई है इनकी पूजा अर्चना करने से सभी संकटों का नाश होता है माता की पूजा अर्चना करते हैं उन पौधों के भीतर अद्भुत शक्ति होती है और अलौकिक तेज से युक्त रहते हैं ज्योतिष शास्त्र की नजर से भी ग्रह माना जाता है।
माता कात्यायनी प्रस्तुति ग्रह का प्रतिनिधित्व करती हैं इसलिए महिलाओं को विवाह संबंधी समस्या के लिए इनकी पूजा-अर्चना अत्यंत शुभ मानी गई है और माता का शुक्र ग्रह से भी जुड़ जाता है, शुक्र और बृहस्पति ग्रह दोनों देवी और तेजस्वी करा है इसलिए माता का तेल भी अद्भुत और चमत्कारी है इसलिए माता कात्यायनी की पूजा से मिलते हैं वह सारे लाभ।
@मनचाहा वर और लव मैरिज पृथ्वी माता कात्यायनी की आराधना करने से पूरा होता है यदि हमारी कुंडली में किसी प्रकार का दोष आ रहा है तो वह भी सही हो जाता है माता कात्यायनी का समन कृष्ण और उनकी गोपी कौन से भी रहा है इसलिए इन्हें ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी मानते हैं।
भगवान कृष्ण जैसा पति पाने के लिए ब्रश की कॉपी कौन है इनकी पूजा की थी जिससे उन्हें कृष्ण की पत्नी बनने का सौभाग्य मिला देवी कात्यायनी माता दुर्गा का छठवां स्वरूप मानी जाती हैं और नवरात्रों में छठे दिन इनकी पूजा और आराधना करने से असंभव भी संभव हो जाता है।

कात्यायनीति मां की उत्त्पति/ जन्म कैसे हुवा।

माता की उत्पत्ति कैसे हुई तो इसके पीछे भी कई कहानियां हैं और हिंदू पुराणों के अनुसार जब दानव महिषासुर राक्षस महिषासुर का अत्याचार पृथ्वी पर बहुत ज्यादा बढ़ गया था तब की शक्ति ब्रह्मा विष्णु महेश ने अपने-अपने तेज का एक अंश मिलाकर के विनाश के लिए देवी को उत्पन्न किया था।
जिस ऋषि ने इनकी पूजा की थी उनका नाम वार्षिक का ध्यान था उनकी वजह से कात्यायनी के नाम से यह प्रसिद्ध हुई इनका रंग सोने की तरह चमकीला है इनकी रोजाना पूजा करने से पूजा करने वाले का आज्ञा चक्र खुल जाता है जिनको आगे कई प्रकार की सिद्धियां मिल जाती हैं। जो पूजा करते हैं उनके सभी काम अपने आप पूरे होते चले जाते हैं और आखिर में उनको मोक्ष मिल जाते हैं।


अन्य जानकारी कात्यायनीति मां के बारे में।

मां का जो छठा स्वरूप है इस छठे स्वरूप को कात्यायनीति के नाम से जाना जाता है, पुराणों के अनुसार माता पार्वती ने महिषासुर नामक को राक्षस को मारने के बाद यह रूप धारण किया था।
इने युद्ध की देवी भी कहा जाता है इनका वाहन शेर है और चार भुजाओं चार भुजाओं में भगवती ने कमल है तलवार है मां का दाहिना हाथ वर मुद्रा में है और बाया अभय मुद्रा में।
कात्यायन ऋषि के कारण इनका नाम देवी कात्यायनी पड़ा कात्यायन ऋषि ने देवी की उपासना की तभी इनका नाम कात्यायन देवी पढ़ा, इनकी पूजा भगवान सूर्य अस्त हो रहे हो उस समय शाम के समय इनकी पूजा करनी चाहिए और इनकी पूजा में पीले फूल और पीले वस्त्र का प्रयोग करना चाहिए पीला फूल पीले वस्त्र मां को समर्पित भी करनी चाहिए दीपक जलाना चाहिए और मंत्रों के साथ उच्चारण करते हुए सच्चे मन से मां की पूजा अर्चना करनी चाहिए।


कात्यायनीति मां katyayaniti maa की पूजा विधि कैसे होती हैं।

सामान्य और सरल पूजा शाम के समय गोधूलि बेला के समय गोधूलि बेला गोधूलि बेला को शास्त्रों में अत्यंत शुभ माना गया है जो भी काम है वही होते हैं लाल रंग पीला फूल रखे, पीला धागा इनके आगे रखें और साथ में शहद भी रखें लेकिन याद रखें अगर जाने की डब्बी या मिट्टी का बर्तन उसमें शायद रखेंगे तो ज्यादा अच्छा रहेगा क्योंकि बहुत शुभ होता है मां के सामने दीपक जलाएं साथ में तीन घटे हल्दी की भी जाएं फिर मां कात्यायनी के मंत्रों का जाप करें मंत्र इस प्रकार है।
"कात्यायनी महामाया महायोगिनी न्याधिस्वरी नंद गोपी सुतं देवी पति में कुरूते नमः"
इस मंत्र की एक माला रोजाना पढ़ें इस मंत्र से संसारी जीवन सुख में लगता है दोस्तों यदि यह मंत्र आपको थोड़ा पढ़ने में कठिन लगे संस्कृत है गलत नहीं पढ़ना तो मैं आपको आसान सा एक और मत बता देती हूं जो कि बहुत चमत्कारी है वह इस प्रकार से है। "ओम दूं कात्यायनी ह्रिन नम"
मंगलवार और शुक्रवार को 10 मिनट तक करें एक माला तीन माला पांच माला जितना आप से हो सके करें शक्तिशाली माना जाता है इस मंत्र से आप जो चाहोगे वह पूरा होगा।



What is so special about Sai?
What is fact about Sai Baba?
Why do we pray to Sai Baba?

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