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Navratri special puja Kaalratri maa jankari

Kaalratri maa all information &कालरात्रि मां के बारे में सम्पूर्ण महत्वपूर्ण जनकारी।



नमस्कार दोस्तो स्वागत है, आप सभी का मेरे इस ब्लॉग में जहा पर आप इस ब्लॉग में कालरात्रि मां के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
कालरात्रि मां कोन है, उनका क्या रहस्य है, उनकी पूजा करने की विधि क्या है, उने कैसे हम प्रसन्य करे पूरी जानकारी के साथ बने रहिए इस ब्लॉग में सुरु से लास्ट तक धन्यवाद।

दोस्तों आज हम इस ब्लॉग में बात करेंगे मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि के बारे में मां कालरात्रि की पूजा विधि क्या है, और मां का प्रिय रंग फ्रीफोल अपनी बुक क्या है इसके अलावा आपको बताएंगे मां कालरात्रि के मंत्र के बारे में जिससे आप मां कालरात्रि को प्रसन्न कर सकते हैं।
साथ ही आपको मां कालरात्रि की कथा भी देखेंगे। इसके अलावा नवरात्रि के साथ में दे दिए जाने वाला इच्छापूर्ति उपाय भी बताऊंगी जिसे करके आप अपनी मांगी मुराद पूरी कर सकते हैं।


@दोस्तों नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है मां कालरात्रि की पूजा करने से आने वाली बाधाएं दूर होती हैं मां कालरात्रि की पूजा से शनिदेव भी शांत होते हैं इनकी पूजा करने से जीवन में आने वाले संकटों से रक्षा होती है मां कालरात्रि शत्रु और दुष्टों का संहार करते हैं मां कालरात्रि की पूजा करने से तनाव अज्ञात भय और बुरी शक्तियां दूर होती हैं।
मां कालरात्रि का रंग कृष्ण वर्ण है कृष्ण वर्ण के कारण ही ने कालरात्रि कहा जाता है और इनके केश बिखरे हुए हैं और इनके गले में नर मुंड की माला है मां कालरात्रि के तीन नेत्र ब्रह्मांड की तरह विशाल और गोल हैं जिनमें से बिजली की भांति किरण निकलती रहती हैं।
और मां गधा की सवारी करती हैं मां के चार हाथ हैं उनके ऊपर दाहिने हाथ में आशीर्वाद दे रहे हैं और निचले दाहिने हाथ में माने डरता प्रदान करते हैं उनके बाएं हाथ में कटार और निचले बाएं हाथ में लोहे का काटा है।
@मां कालरात्रि की पूजा करने से हम अपने क्रोध पर विजय प्राप्त कर सकते हैं मां कालरात्रि साधक को ज्ञान देते हैं कि अपने क्रोध का उपयोग अपनी सफलता के लिए कैसे करना है दोस्तों मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है लेकिन यह सदैव अपने भक्तों को शुभ फल देते हैं।
इसी कारण इनका एक नाम शुभकारी नहीं है मां कालरात्रि को यंत्र मंत्र और तंत्र की देवी कहा जाता है दानों भूत प्रेत की शहजादी इनके नाम लेने मात्र से ही भाग जाते हैं दोस्तों मां कालरात्रि की पूजा तांत्रिक विशेष सिद्धि की प्राप्ति के लिए निशा काल यानी रात के समय की जाती है।
@बात करें मां कालरात्रि के तीन रंग की तो मां कालरात्रि का प्रिय रंग नीला है इस दिन मां की पूजा करते समय आपको नीले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए और मां कालरात्रि काफी पुरानी है इसके अलावा आप कोई भी नीले रंग के पुष्प अर्पित कर सकते हैं।
@बात करें वह की तो मां कालरात्रि का प्रयोग है इस दिन आपको वहां को गुड़ का भोग अर्पित करना चाहिए दोस्तों नवरात्र के साथ में भिंडी को सर्वप्रथम कलर्स और सभी देवी देवताओं का पूजन करना है।
@सतमी की पूजा अन्य दिनों की तरह ही होती है परंतु रात्रि में विशेष विधान के साथ देवी की पूजा की जाती है एक लकड़ी की चौकी पर स्वच्छ वस्त्र बिछाकर मां कालरात्रि की प्रतिमा स्थापित करें और उन्हें रोली अच्छा दादी लगाएं इस दिन को कृष्णकमल या कोई भी नीले रंग का फूल अर्पित करें।
@इसके बाद पान सुपारी लौंग इलायची आदि चढ़ाएं और मां को उनका को अति प्रिय है इसके बाद धूप दीप जलाकर मां की आरती करें तत्पश्चात आप मां कालरात्रि के मंत्र को ऐंग रिंग क्लींग कालरात्रि नमः का जाप करें या इसके अलावा या देवी सर्वभूतेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमो नमः 108 बार जाप करें।
इसके बाद आप मां से अपनी मनोकामना अवश्य बोले हैं दोस्तों सप्तमी के दिन तंत्र साधना करने वाले साधक गुजराती में देवी की तांत्रिक विधि विधान से पूजा करते हैं मां की इस तरह से पूजा करने से मृत्यु का भी भय नहीं सताता है।
देवी का यह रूप रिद्धि सिद्धि प्रदान करने वाला है देवी भगवती के प्रताप से सब मंगल ही मंगल होता है।

नवरात्रि सातवा दिन कालरात्रि मां की कथा जानिए।

पौराणिक कथा के अनुसार एक बहुत बड़ा राक्षस रक्तबीज था उन्होंने लोगों के साथ-साथ देवताओं को भी परेशान कर रखा था रक्तबीज दानों की विशेषता यह थी कि उसके खून की बूंद धरती पर गिरती थी तो बिल्कुल उसके जैसा दानों बन जाता था।
तनु की शिकायत लेकर सभी भगवान शिवजी के पास पहुंचे भगवान शिव जानते थे कि इस दानों का अंत माता पार्वती कर सकती हैं भगवान शिव ने माता पार्वती जी से अनुरोध किया इसके बाद मां पार्वती ने स्वयं शक्ति संधान किया इस देश ने मां कालरात्रि को उत्पन्न किया।
इसके बाद जब मां दुर्गा ने रक्तबीज का अंत किया और उसके शरीर से निकलने वाले वक्त को मां कालरात्रि में जमीन पर गिरने से पहले ही अपने मुख में भर लिया इस तरह से देवीमाने सब का गला काटते हुए दानव बीच का अंत किया।
रक्तबीज का वध करने वाली माता पार्वती का यह रूप मां कालरात्रि कहलाया चलिए हम जानते हैं 

जानिए नवरात्रि के सातवें दिन किए जाने वाला इच्छापूर्ति उपाय।

@यदि आप शत्रु से परेशान है तो मां कालरात्रि की पूजा करें सत्र और विरोधियों को शांत करने के लिए नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा करनी चाहिए इसके लिए आप सफेद या लाल रंग के वस्त्र धारण करके रात के समय मां कालरात्रि की पूजा करें।
इसके बाद मां के समक्ष एक ही का दीपक जलाएं और माता को गुड़ का भोग लगाएं 108 बार नमः मंत्र यानी ओम ऐंग रिंग क्लींग चामुंडाए विच्चे का जाप करते जाएं और 1199 को चढ़ाते जाए इस तरह से आप 108 लव चढ़ाएं और 108 बार नवार्ण मंत्र का जाप करते जाएं जहां पूरा होने के बाद आप इन 108 लोगों को एकत्रित करके अग्नि में डाल दें।
इस उपाय को करने से आपके शत्रु विरोधी शांत होंगे साथ ही आपको साहस और वीरता भी प्राप्त होगी और आपको हर कार्य में सफलता में मिलेगी तो बोलो मां कालरात्रि की जय।







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What is fact about Sai Baba?
Why do we pray to Sai Baba?

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