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Hanuman हनुमान जी के बारे मे सम्पूर्ण महत्वपूर्ण जनकारी।

Hanuman हनुमान जी की पूरी सच्चाई जान कर हैरान हो जाओगे।

नमस्कार दोस्तो स्वागत है, आप सभी का मेरे इस ब्लॉग में जहा पर आप इस ब्लॉग में हनुमान जी के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
हनुमान जी कोन है, उनका क्या रहस्य है, उनकी पूजा करने की विधि क्या है, उने कैसे हम प्रसन्य करे पूरी जानकारी के साथ बने रहिए इस ब्लॉग में सुरु से लास्ट तक धन्यवाद।

इस प्रकार के बजरंग बली के माता पिता ने जन्म दिया बजरंग बली ( हनुमान जी ) को।
आइए आज की कड़ी में जानते हैं बजरंगबली की मां अंजनी के पूर्व जन्म की विस्तृत कथा साथ ही हम आपको बताएंगे कि बजरंगबली का जन्म किस प्रकार हुआ और क्यों उनको वानर रूप में ला तपस्या में लीन ऋषि से श्राप मिलने के पश्चात 1 दिन पुंजिकास्थला से इंद्रदेव ने मनचाहा वरदान मांगने के लिए कहा।
अपेंडिक्स खिलाने इंद्रदेव से आग्रह किया कि यदि संभव हो तो वह उसे ऋषि द्वारा दिए गए श्राप से मुक्ति प्रदान करें इंद्रदेव के पूछे जाने पर पुंजिकास्थला ने बताया कि मुझे प्रतीत हुआ कि वह ऋषि एक वानर है।
ऋषि पर फल फेंकना शुरू कर दिए परंतु वह कोई साधारण वानर नहीं अपितु परम तपस्वी साधु थे मेरे द्वारा तपस्या भंग होने के कारण उन्होंने मुझे श्राप दिया कि जब भी मुझे किसी से प्रेम होगा तो मैं वानर का रूप धारण कर लूंगी मेरा ऐसा रूप होने के बाद भी उस व्यक्ति का प्रेम मेरे प्रति कम नहीं होगा।
इंद्रदेव ने पूरा वृतांत सुनने के पश्चात कहा कि तुम्हें धरती पर जाकर निवास करना होगा वहां तुम्हें एक राजकुमार से प्रेम होगा जो तुम्हारा पति बनेगा विवाह के पश्चात तुम शिव के अवतार को जन्म दोगी और इसके पश्चात तुम्हें श्राप से मुक्ति मिल जाएगी।
इंद्र के वचन सुनकर पुंजिकास्थला अंजनी के रूप में धरती पर निवास करने लगी एक बार वन में उसने एक युवक को देखा जिसकी और वह आकर्षित हुई जैसे ही उस युवक ने अंजनी को देखा अंजनी का चेहरा वानर का हो गया।
अंजलि ने उस युवक से अपना चेहरा छुपाया जब युवक उसके पास आया तो अंजलि ने कहा मैं बहुत बदसूरत हो परंतु जब अंजनी ने उस युवक की ओर देखा तो वह भी वानर रूप में ही था उस युवक ने बताया कि मैं वानर राज केसरी हूं और जब चाहो तब मनुष्य रूप धारण कर सकता हूं दोनों को एक दूसरे से प्रेम हुआ और विवाह के बंधन में बंध गए।
कुछ समय पश्चात जब दोनों संतान सुख से वंचित रहे तब अंजनी मातंग ऋषि के पास पहुंचे और अपनी पीड़ा बताई तब मातंग ऋषि ने उन्हें नारायण पर्वत पर स्थित स्वामी तीर्थ जाकर 12 वर्ष तक उपवास करके तब करने के लिए कहा।
इस प्रकार वायु देव ने अंजलि की तपस्या से प्रसन्न होकर वरदान दिया कि तुम्हें अग्नि सूर्य सुवर्ण वेद वेदांग ओं का मर्मज्ञ और बलशाली पुत्र प्राप्त होगा यह वरदान प्राप्त होने के पश्चात में शिव जी की तपस्या करने लगे तब शिवजी ने प्रसन्न होकर उन्हें वरदान मांगने के लिए कहा।
और फिर अंजलि ने ऋषि द्वारा मिले श्राप के विषय में बताते हुए कहा कि इस श्राप से मुक्त होने के लिए मुझे शिव के अवतार को जन्म देना है इसलिए हे महादेव कृपया आप बाल रूप में मेरे गर्भ से जन्म ले शिव जी ने अंजलि को आशीर्वाद दिया और उनके गर्भ से बजरंगबली के रूप में जन्म लिया अंजनी पुत्र होने के कारण हनुमान जी को अंजनी भी कहा जाता है।

Hanuman हनुमान जी  के बारे में वह क्या हैं? पूरी जानकारी के साथ

हनुमान जी का मुकुट अद्भुत और बहुमूल्य रत्नों से जला हुआ है इसके सामान मूल्यवान और ऐश्वर्य साली मुकुंद संसार में किसी के पास भी नहीं है औरों का क्या कहें यहां तक कि स्वर्ग और देवताओं के राजा इंद्र का भी मुकुट इससे अधिक मूल्यवान नहीं हो सकता।

  • दूसरी खास लेती है दूर-दूर ऐसा भूषण होता है जो पुरुष अपनी बाहों में पहनते हैं इसे भुजबल यादव बंद कहते हैं। हनुमान जी दोनों हाथों में बहुमूल्य स्वर्ण के क्यों पहनते हैं कि केवल आभूषण ही नहीं अपितु के युद्ध में महाबली हनुमान जी की रक्षा के लिए एक रक्षाबंधन का कार्य नहीं करता है अगली खास निधि है नूपुर नूपुर पैरों में पहने जाने वाला आभूषण होता है बजरंगबली रंगों से आते हैं। हालांकि कार्यों के लोगों और पुरुषों के आभूगोल में अंतर होता है और यह दोनों लोग को स्वर्ण धातु से बने होते हैं।
  • बजरंगबली के पूर्व से निकलने वाली आभा से उनके शत्रु युद्ध क्षेत्र में नेत्रहीनों जाते हैं अगली नदी है चक्र चक्र की बात करते हैं तो हमें भगवान विष्णु का श्री कृष्ण की याद आती है किंतु आप लोगों को यह जानकर आश्चर्य होगा कि पुराणों में हनुमान जी के चक्र का भी वर्णन आता है।
  • चित्रों में आपको चक्रधारी हनुमान दिख जाएंगे तो तुम राजस्थान के अलवर में चक्रधारी हनुमान जी का मंदिर भी है और जगन्नाथपुरी में तो अष्टभुज हनुमान की मूर्ति है जिनमें आठ भुजाओं में से एक में चक्र धारण करते हैं।
  • देवताओं का सर्वश्रेष्ठ शास्त्र में आ जाता है इसी के आधार पर योद्धाओं को रती रती रती महारथी इत्यादि श्रेणियों में बांटा जाता है हनुमान जी की दिव्य रथ के स्वामी है जिस पर वह कार्य करने पर उन्हें कोई परास्त नहीं कर सकता हालांकि रामायण के हनुमान के विषय में जानकारी नहीं थी।
  • अन्य वानरों की बातें बताती ही लड़े थे इसके अतिरिक्त हनुमान इतनी शक्तिशाली है कि किसी को परास्त करने के लिए होने की सीरत की आवश्यकता नहीं है लेकिन महाभारत में श्री कृष्ण के अनुरोध पर हनुमान जी अर्जुन के रथ की ध्वजा पर बैठे थे ताकि उनके रात को कोई  बाल भी बका नही कर सके।
  • मणि कई प्रकार की होती है और पुराण में नागमणि पदमणी नीलमणि इत्यादि कम मिलता है हनुमान जी संसार की सबसे बहुमूल्य मणियों के स्वामी है महाभारत के युद्ध सभा में युधिष्ठिर ने अपने पास रखे धन का वर्णन किया था।
किंतु समस्त धान का मूल्य वीर हनुमान की मणियों के समक्ष कम है और हनुमान जी के पास कितनी गाड़ियां है इसके बारे में कोई नहीं जानता है वह अजर अमर है उनके पास सृष्टि की हर प्रकार की मणि होगी चाहे वह सूक्ष्म हो चाहे वह बहुत ही ज्यादा मूल्यवान होगा। 

  • मारिया दोस्तों पैसे दो हनुमान जी को बाल ब्रह्मचारी कहा जाता है किंतु पुराणों में हनुमान जी की पत्नी सुलोचना का वर्णन आता है सूचना सूर्यनारायण के पतिदेव से शिक्षा प्राप्त करने वाले व्यक्ति को ही दी जा सकती थी हनुमान करने से मना कर दिया। तब विवश हो कर हनुमान जी को विवाह करना पड़ा था कि वह पूर्व शिक्षा प्राप्त कर सकें।
  • गज गज वैसे तो पुरानी है किंतु उसकी गिनती दुर्लभ नीतियों में होती है श्री गणेश के धड़ पर महादेव ने 1 गज का भोग लगाकर उन्हें जीवित किया समुद्र मंथन से प्राप्त हुए दुर्लभ नदियों में से एक है गजराज एरावत गज को को सर्व मयूर के साथ हिंदू धर्म में 8 सबसे पवित्र चीजों में से एक माना जाता है।
मांझी गतिविधि को उनके बल के रूप में देखा जाता है हनुमान जी के अंदर असम के हाथियों का बल है और उनका पल ही उनकी निधि है और उस निधि से संसार में कोई और इतना अधिक उनसे ज्यादा संपन्न नहीं है।
  • उनके लक्षणों में संपन्न मनुष्य सातवीं गुल मायक हो जाता है उसकी कमाई गई संपदा भी साथ में खो जाती है साथ ही तरीके से कमाई गई संपदा वीडियो को तार देती है।
इसका उपयोग साधना के परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहता है।
सात्विक गुणों से संपन्न व्यक्ति स्वर्ण चांदी आदि का संग्रह करके दान करता है यही साथ ही प्रकार की निधि होती है, जिसका अस्तित्व साधक परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी बना रहता है और हनुमान जी को प्राप्त है।

Hanuman हनुमान जी की पूजा विधि कैसे होती हैं बहेतरीन पूजा विधि।

  • पहले मंगलवार शनिवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें फिर नहा धोकर अपने नित्यक्रम से निपटने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और आसन बिछाकर बैठ जाएं और एक जल से भरा पात्र फूल पर चादर भी ध्यान रखें कि घर के मंदिर में साफ सफाई होनी जरूरी है।
  • मूर्ति या फोटो ले उन्हें सिंदूर में चमेली का तेल मिलाकर तिलक करें अगर घर में श्री हनुमान जी की मूर्ति या फोटो ना हो तो मानसिक पूजा करें फिर धूप दीप करके सर्वप्रथम आप गणेश जी की आराधना करें फिर प्रभु श्री राम का स्मरण करें आप चाहे तो राम नाम की धुन कर सकते हैं और फिर दाहिने हाथ में चावल और फूल लेकर श्री हनुमान जी के ध्यान मंत्र का जप करें जो 
"अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् सकल गुण निधान हम वानर आराम देशम रघुपति प्रिय भक्त संवाददाता मनाने ओम हनुमते नमः ध्यान आरती पुष्पानी समर्पयामि"
मंत्र उच्चारण के बाद हाथ में लिए हुए चावल और फूल श्री हनुमानजी को अर्पित कर दें।
  • उसके बाद हनुमान जी को प्रणाम करके हनुमान चालीसा पाठ का संकल्प लें अब संकल्प के लिए अपने दाहिने हाथ में जल पात्र सेजल फूल व चावल में और अपनी आंखें बंद करके प्रभु का स्मरण करके मन में संकल्प करें संकल्प में जिस दिन पूजन कर रहे हैं उस पर उस वार तिथि उस जगह पर अपने नाम को लेकर अपनी इच्छा बोले।
  • अब हाथों में लिए गए जल को जमीन पर छोड़ दें। और हनुमान चालीसा का संकल्प ले रहा संकल्प करते समय प्रभु के सामने आपको तय करना होता है कि आप कितनी बार हनुमान चालीसा का संकल्प के दौरान पाठ करेंगे यानी आप साथ 11,21,51,101,108 आदि। के हिसाब से निर्धारित कर सकते हैं और हर रोज एक किस दिन तक प्रभु के सामने धूप दीप करके भूख लगाकर आसन पर बैठकर श्रद्धा पूर्वक पाठ कर सकते हैं।
  • संकल्प लेने के बाद आप प्रभु की आरती उतारकर उन्हें प्रसाद का भोग लगा सकते हैं प्रसाद में आप हनुमान जी का सबसे प्रिय गुड़ चना बेसन के लड्डू बूंदी के लड्डू चूरमे के लड्डू और दाल आदि का भोग लगा सकते हैं हनुमान जी नियमों को मानने वाले देवता है इसलिए हनुमान जी की पूजा में नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

आइए जानते हैं क्या है नियम 

  • व्रत के दिनों में ब्रह्मचर्य का पालन करें मांस मदिरा से दूर रहें मन में शुद्ध विचार लाएं कोई बात ना करें घर के मंदिर में साफ सफाई का विशेष रूप से ध्यान दें बनाना है या लघुशंका जाने के बाद पूजा ना करें।
घर में किसी भी तरह का सूतक हो तो संकल्पना ले सूतक जैसे घर में किसी का देहांत हो गया हो या घर में किसी संतान का पैदा होना महिला भक्त मासिक धर्म के दौरान संकल्पना ले यह संकल्प के पाठ ना करें अगर आप के संकल्प के दौरान सूतक या मासिक धर्म की समस्या आ जाए तो सूतक और मासिक धर्म समाप्त होने के बाद आप अपना संकल्प जारी कर सकते हैं।
  • भगवान को लहसुन प्याज से बनी चीजों का भोकना लगाएं ज्यादा से ज्यादा प्रभु का स्मरण करें मंगलवार या शनिवार को श्री हनुमान जी के मंदिर जाकर दर्शन करें तो दोस्तों अब आपको पता चल ही गया होगा कि कैसे श्री हनुमान चालीसा का 21 दिन का संकल्प लिया जाता है और क्या है संकल्प के नियम।

Hanuman हनुमान जी को कैसे प्रसन्य करे? प्रसन्य करने के बोहोत अच्छे उपाय।

रामचरितमानस की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने श्री रामचरितमानस लिखने से पहले हनुमान चालीसा लिखी थी और फिर हनुमान की कृपा से ही वह रामचरितमानस लिख पाए। 
हनुमान चालीसा को ध्यान से पढ़ने और समझने के बाद पता चलेगा कि हनुमान ही इस कलयुग के देवता है जो भक्तों के सभी तरह के कष्ट को दूर करने के लिए तुरंत ही प्रसन्न हो जाते हैं।
शर्त यह है कि वक्त का अपने कर्मों के प्रति सहज रहना जरूरी है कुकर्मी का साथ तो कोई नहीं देता हम बताते हैं कि हनुमान जी की कौन सी साधना से किस तरह के कष्ट मिट जाते हैं हनुमान चालीसा जो व्यक्ति नित्य सुबह और शाम हनुमान चालीसा पढ़ता रहता है उसे कोई भी व्यक्ति बंधक नहीं बना सकता।
उस पर कारागार का संकट कभी नहीं आता यदि किसी व्यक्ति को अपने को कर्मों के कारण कारागार ज्ञानी जेल हो गई है तो उसे संकल्प लेकर क्षमा प्रार्थना करना चाहिए और आगे से कभी किसी भी प्रकार की कुकर में नहीं करने का वचन देते हुए हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ करें।
हनुमान जी की कृपा हुई तो कारागार से ऐसे व्यक्ति मुक्त हो जाते हैं बजरंग बाण बहुत से व्यक्ति अपने कार्य या व्यवहार से लोगों को अरेस्ट कर देते हैं इससे उनके शत्रु पड़ जाते हैं।
कुछ लोगों को स्पष्ट बोलने की आदत होती है जिसके कारण उनके गुप्त शत्रु भी होते हैं यह भी हो सकता है कि आप सभी तरह से अच्छे हैं फिर भी आपकी तरक्की से लोग जलते हो और आपके विरुद्ध षड्यंत्र रचते हो ऐसे समय में यदि आप सच्चे हैं तो श्री बजरंग बाण आप को बचाता है। 

और त्रिकूट अंडा देता है बजरंग बाण से शत्रु को उसके किए की सजा मिल जाती है लेकिन इसका पाठ एक जगह बैठकर अनुष्ठान पूर्वक 21 दिन तक करना चाहिए और हमेशा सच्चाई के मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए क्योंकि हनुमान जी सिर्फ पवित्र लोगों का ही साथ देते हैं 21 दिन में तुरंत फल मिलता है।
हनुमान बाहुक यदि आप गठिया बाद सिर दर्द कंट्रोल जोड़ों का दर्द आदि तरह के दर्द से परेशान हैं तो जल का एकमात्र सामने रखकर हनुमान बाहुक का 26 से 21 दिनों तक मुहूर्त देखकर पाठ करें प्रतिदिन उस जल को पी कर दूसरे दिन दूसरा जल रखेंगे हनुमान जी की कृपा से शरीर की समस्त पीड़ा उसे आपको मुक्ति मिल जाएगी।
हनुमान मंत्र यदि आप अंधेरे भूत प्रेत से डालते हैं या किसी भी प्रकार का भाई है तो आप हनुमते नमः का 108 बार जप करके सो जाएं रात को सोने से पूर्व हाथ पैर और कान नाक धोकर पूर्वा विमुख होकर यह मंत्र जपे कुछ ही दिनों में धीरे-धीरे आप में निर्भरता का संचार होने लगेगा। 
हनुमान मंदिर प्रति मंगलवार एवं शनिवार को हनुमान मंदिर में जाकर गुड़ और चना अर्पित करें और घर में सुबह शाम हनुमान चालीसा का पाठ करें।
पाठ करने के पहले और बाद में आधे घंटे तक किसी से बात ना करें जब 21 दिन पूरे हो जाए तो हनुमान जी को चोला चढ़ाएं हनुमान जी तुरंत ही घर में सुख और शांति कर देंगे शनि ग्रह पीड़ा से मुक्ति हनुमान जी की जिस पर कृपा होती है। 
उसका शनि और यमराज भी बाल बांका नहीं कर सकते। आप शनि ग्रह की पीड़ा से छुटकारा पाना चाहते हैं तो प्रति मंगलवार हनुमान मंदिर जाए और शराब वह मांस के सेवन से दूर रहें इसके अलावा शनिवार को सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि भगवान आपको लाभ देने लगेंगे।
हनुमान जी का शाबर मंत्र हनुमान जी का शाबर मंत्र अत्यंत ही सिद्ध मंत्र है इसके प्रयोग से हनुमान जी तुरंत ही आपके मन की बात सुन लेते हैं इसका प्रयोग तभी करें जब कि यह सुनिश्चित हो कि आप पवित्र व्यक्ति हैं यह मंत्रा आपके जीवन में सभी संकटों और कष्टों को तुरंत ही चमत्कारिक रूप से समाप्त करने की क्षमता रखता है।
हनुमान जी के कई शाबर मंत्र है तथा अलग-अलग कार्यों के लिए हैं यहां प्रस्तुत है मंत्र ओम नमो वज्र का कोठा जिस पर पेंट हमारा बैठा ईश्वर कुं
जी ब्रह्मा का ताला हमारे आठवां मोका यदि हनुमंत रखवाला चेतावनी उक्त मंत्र की साधना के नियम समय स्थान और मंत्र जाप की संख्या और दिन को किसी योग्य पंडित या साधु से जानकारी ले।
अपने पवित्र मन से आज ही हनुमान जी के एम पार्ट का स्मरण करना शुरू कर दीजिए हनुमान जी आपके सारे कष्टों को जरूर दूर कर देंगे जय श्री राम जय।

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